ॐ ओम बन्ना परिचय
"ओम बन्ना" और उन का वह स्थान जिसे आज पुरे राजस्थान ही नहीं पुरे भारत भर में ओम बन्ना, ॐ बन्ना,बुलेट मोटर साईकिल वाले राठौड बन्ना, चोटिला राजा और बुलेट वाले बाबा जेसे कई नामो से जाना जा रहा है औरयह ही वह दुर्लभ देव स्थान है जहा ओम बन्ना के साथ साथ बुलेट मोटर साईकिल यानी वाहन सेमन्नत मनौतीमांगी जाती है !!!
ओम बन्ना पाली शहर व उक्त देवस्थान के पास ही स्थित चोटिला गांव के मूल निवासी थे | वे ठाकुर जोग सिंहराठौड़ के पुत्र थे जिनका इसी स्थान से जोधपुर व अन्य जगह रोज आना जाना अपनी हर दिल अजीज़ प्रियतमबुलेट मोटर साईकिल से होता रहता था | ॐ बन्ना कही पर भी अपनी बुलेट मोटर साईकिल के अलावा किसी दुसरेवाहन से आते जाते नहीं थे |
जहां आज "ओम बन्ना" का वह मूल देव स्थान है वहा स्वयं ओम बन्ना (ओम सिंह राठौड़) ने ही अपनी बुलेट मोटरसाईकिल पर जाते हुए 1988 में अष्टमी के दिन एक भयंकर सड़क दुर्घटना में अपनी देह त्याग दी थी |
ओम बन्ना का यह स्थान जोधपुर से चलकर अहमदाबाद की और के राष्ट्रिय राजमार्ग संख्या 65 पर जोधपुर शहरसे लगभग 45 किमी की दुरी पर मुख्य सड़क पर ही स्थित है यहाँ से पाली जिला मुख्यालय लगभग 20 किमी रहजाता है |
राष्ट्रिय राजमार्ग के इस स्थान पर सड़क के किनारे में चढ़ावे व पूजा अर्चना के सामान से सजी धजी दुकाने दिखाईपड़ती है व वही नजर आता है जातरुओ की श्रद्धासे घिरा एक देवस्थल जिसके ऊपर एक विशाल ओम सिंह राठौड़(ओम बन्ना) की अश्वारुढ प्रतिमा व फोटो लगी है और साथ ही
नजर आती दिव्य
अखंड ज्योत जिसमे जातरुओ के चढ़ावे, घर से लाये पकवानों और नारियल आदि को चढ़ाकर भोग लगाया जाता है,साथ में लाई गई फूल मालाओ और पुष्पों को वहा अवस्थित बुलेट मोटर साईकिल नंबर आर अन जे- 7773 परचढ़ाया जाता है और इसके साथ अपने व अपने प्रियजनों के किसी भी वाहन और दुसरे वाहनों से किसी भी प्रकार कीदुर्घटनाओ के कभी न होने की मन्नत मांगी जाती है |
क्यों मांगी जाती है बुलेट मोटर साईकिल RNJ- 7773 से मन्नत
जिस पेड के पास ओम सिंह राठौड़ की दुर्घटना घटी थी उसी जगह पता नहीं कैसे कई वाहन दुर्घटना का शिकारपहले भी हो गए थे, जो हर समय रहस्य ही बना हुवा था | अब तक बहुत सारे लोग इसी जगह दुर्घटना के शिकारबन अपनी जान तक गँवा चुके थे |
ओम सिंह राठौड़ की दुर्घटना में मृत्यु के बाद पुलिस कार्यवाही के तहत उनकी इस बुलेट मोटर साईकिल को थाने मेंले जाकर खड़ा कर दिया गया, लेकिन दुसरे दिन ही थाने से बुलेट मोटर साईकिल गायब देखकर पुलिस कर्मी हैरानरह गए, सब जगह तलाश करने पर बुलेट मोटर साईकिल फिर वही दुर्घटना स्थल पर ही उन्हें वापस मिलती है |
पुलिस कर्मीयो द्वारा वापस बुलेट मोटर साईकिल थाने लाई गई लेकिन फिर वही घटना कई बार घटती है, बुलेटमोटर साईकिल थाने में नहीं मिलती है,अंतिम बारबुलेट मोटर साइकिल को लाने के बाद उसमें से पूरा पेट्रोल निकाल लेते और उसको जंजीर की सहायता से बाँध कर पुलिस की चौकसी में रख देते है
फिर भी हर बार की तरह बुलेट मोटर साईकिल थाने से रात के समय गायब होकर दुर्घटना की जगह अपने आपपहुँच जाती है, सुबह देखने पर वही मिलती है |
आखिर करना पड़ा चमत्कार को नमस्कार !
आखिरकार पुलिस कर्मियों व ओम सिंह राठौड़ के पिता ने ओम सिंह राठौड़ की आत्मा की यही इच्छा समझते हुएउस बुलेट मोटर साईकिल को वही उसी पेड के पास रख दिया गया जहां आज विराजमान है |
इस तरह इसी चमत्कारीक बुलेट मोटर साईकिल ने स्थानीय रहवासी लोगों को ही नहीं बल्कि यहा के पुलिस थानेके पुलिसकर्मियों को भी चमत्कार दिखाकर आश्चर्यचकित कर दिया और इसी चमत्कार के कारण है आज भी यहाके थाने में कोई भी नया आने वाला पुलिस कर्मी अपनी ड्यूटी चढ़ने से पहले यहा मत्था टेककर आशीर्वाद जरुरलेता है |
उक्त घटना पश्चात रात्रि में कई वाहन चालको को ओम सिंह राठौड़ वाहनों को दुर्घटना से बचाने के उपाय करते वचालकों को रात्रि में दुर्घटना से सावधान करते अकस्मात प्रत्यक्ष ही दिखाई देने लगे | वे उस दुर्घटना संभावित जगहतक पहुँचने वाले वाहन को जबरदस्ती रोक देते है या धीरे कर देते है ताकि उनकी तरह कोई और वाहन चालकअसामयिक मौत का शिकार न बने! कई होने वाली दुर्घटनाओ में घटित होने वाले ने यह भी बताया की उसको किसीविशेष व्यक्ति ने उस जगह से एकदम से साईड में कर दिया और उसके पश्चात वह दुर्घटना घटित हुई और उसकेबाद से आज तक उस जगह दुबारा कोई भी मानव हानि होने वाली दूसरी दुर्घटना नहीं हुयी है |
ओम सिंह राठौड़ के न रहने के बाद भी उनकी आत्मा द्वारा इस तरह का नेक कार्य करते देखे जाने पर वाहनचालको व स्थानीय लोगों में उनके प्रति मन में ओर भी श्रद्धा अगाध रूप से बढ़ती गयी और इसी श्रद्धा का नतीजाहै कि ओम बना के इस स्थान पर हर वक्त उनकी पूजा अर्चना व मन्नत मनौती के लिए जातरुओ का आना जानालगा रहता है उस राष्ट्रिय राजमार्ग से गुजरने वाला हर वाहन यहा पर थोड़ी देर रुक कर ओम बन्ना के यहा अपनामस्तक टिका कर, उन्हें नमन करके ही अपने गंतव्य की और आगे बढ़ता है |
ओम सिंह राठौड़ के न रहने के बाद भी उनकी आत्मा द्वारा इस तरह का नेक कार्य करते देखे जाने पर वाहनचालको व स्थानीय लोगों में उनके प्रति मन में ओर भी श्रद्धा अगाध रूप से बढ़ती गयी और इसी श्रद्धा का नतीजाहै कि ओम बना के इस स्थान पर हर वक्त उनकी पूजा अर्चना व मन्नत मनौती के लिए जातरुओ का आना जानालगा रहता है उस राष्ट्रिय राजमार्ग से गुजरने वाला हर वाहन यहा पर थोड़ी देर रुक कर ओम बन्ना के यहा अपनामस्तक टिका कर, उन्हें नमन करके ही अपने गंतव्य की और आगे बढ़ता है |
आज पुरे देश व प्रान्त भर से लोग ॐ बन्ना के स्थान पर आकर उनमे अपनी अप्रतिम श्रद्धा प्रकट कर उनसे वउनकी बुलेट मोटर साईकिल नंबर आर अन जे - 7773 से अपने अपनों के लिए मन्नत मनौती मांगते है |
इसी कारण आज यहा ॐ बन्ना की पूजा अर्चना के साथ साथ उनकी बुलेट मोटर साईकिल की भी पूजा होती है वउस बुलेट मोटर साईकिल से भी मन्नत मनौती मांगी जाती है |
यह थी श्री ॐ बन्ना के बारे में छोटी सी जानकारी जो मुझे ॐ बन्ना के स्थान पर दो बार जाने के पश्चात व उनकेपिता श्री जोग सिंह राठौड, अन्य दुसरे ग्राम वासियों और श्री ओम सिंह राठौड के पुत्र श्री महापराक्रम सिंह राठौड सेबातचीत कर यह सारी जानकारी मिली जो आपके द्रश्य पटल पर रखी है |
सादर आभार भंवर सिंह राठौड ठिकाना जूसरी
|| जय श्री ॐ बन्ना ||